घग्घर के तट पर बसा गांव मूसा खेड़ा की एक अलग पहचान, हरियाणा सरकार कर चुकी है सम्मानित
सत्यखबर जाखल (दीपक) – हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे गांव में वर्षों पहले दो भाई रहते थे। जिनमें से एक का नाम मूसा था तो दूसरे का नाम ईशा था। दोनों में से मूसा के कोई संतान नहीं थी इसलिए ईसा ने अपने भाई का नाम चलाने के लिए इस गांव का नाम मूसा खेड़ा रखा। जो आज फतेहाबाद जिला के खंड जाखल में एक अलग पहचान बनाए हुए हैं। गांव मूसा खेड़ा में सर्वसम्मति से चुने गए सरपंच मुकेश गोयल इंसान के प्रयासों से गांव में ऐसे बहुत से विकास कार्य हुए हैं। जो गांव को खंड स्तर पर ही नहीं, जिला स्तर पर भी नहीं, पूरे हरियाणा स्तर पर एक अलग पहचान स्थापित करवाई है। विकास कार्यो में अग्रणी व स्वच्छता अभियान के तहत स्वच्छता का संदेश देने वाले इस गांव को जिला उपायुक्त से लेकर हरियाणा सरकार भी 11लाख रुपए की राशि से सम्मानित कर चुकी है।
सरकारी मिडिल स्कूल को बना दिया कान्वेंट स्कूल
हरियाणा के बहुत सारे सरकारी मिडल स्कूलों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में अगर आपको दूर कहीं गांव में कान्वेंट की तर्ज पर स्कूल नजर आ जाए तो चौंकना लाजमी है। फतेहाबाद जिला के एक गांव की एक मिडल पाठशाला कुछ ऐसी ही मिसाल पेश कर रही है। जिसका श्रेय गांव द्वारा चुने गए सर्वसम्मति से सरपंच मुकेश गोयल इंसान को जाता है जिन्होंने अपने अथक प्रयास से खंडहर जैसे विद्यालय को आदर्श स्कूल में तब्दील कर दिखाया।
फतेहाबाद जिले के बेहद पिछड़े गांव मूसा खेड़ा में स्थित यह पाठशाला आज आदर्श स्कूल के तौर पर प्रदेश स्तर पर मशहूर हो चुकी है। इस स्कूल में वो सभी सुविधाएं हैं। जो किसी कान्वेंट स्कूल में मिलती हैं। मसलन यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ पीने के लिए ठंडे पानी के लिए वाटर कूलर, बड़ा बगीचा, स्कूल के मुख्य मार्ग वाली सड़क पर रंगदार इंटरलॉकिंग टाइल लगवाकर ऐसी रंग पुताई कर दी जो स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दे रही है। और स्कूल में ऐसी कई चीजें हैं जो इसे अन्य स्कूलों से अलग बनाती हैं।
लगभग 2000 की आबादी रखने वाले मूसा खेड़ा में लगभग 1250 मतदाता है। यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती पर आश्रित है। इस गांव के लगभग 15 युवा नौजवान भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस गांव की बोलने वाली भाषा ज्यादातर पंजाबी है। यहां पर सभी धर्मों व सभी जातियों के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं। जिसकी वजह से यहां पर सर्वसम्मति से पूरी पंचायत का गठन हुआ।
पंचायत द्वारा विकास कार्य
सरपंच मुकेश गोयल इंसान एवं समूह ग्राम पंचायत मूसा खेड़ा ने लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए गांव को एक आदर्श गांव का रूप दे दिया। गांव में जहां पंचायत भवन, पूरे गांव में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था, बस स्टैंड को आधुनिक तरीके से सौंदर्यकरण करवाया गया। गांव के श्मशान घाट मैं शव दाह संस्कार के दौरान लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था को लेकर बरामदे का निर्माण। हरिजन चौपाल का निर्माण। बाल्मीकि चौपाल में शेड का निर्माण। गांव में सीवरेज पाइप लाइन जैसी व्यवस्था करवा कर डिजिटल बनाया गया। गांव में टूटी-फूटी गलियों का निर्माण करवाया गया है व गंदे पानी की निकासी हेतु नालियों का निर्माण से लेकर अभी भी गांव में कॉमिनिटी सेंटर का निर्माण जारी है।
गांव की शराबबंदी को लेकर प्रयासरत है पंचायत वही जुआ मुक्त है गांव मूसा खेड़ा
सर्व समिति से चुनी गई पंचायत के प्रयासों से गांव में शराबबंदी को लेकर कई बार प्रस्ताव पारित किए हैं लेकिन आबकारी विभाग ने इसके लिए अभी तक अनुमति नहीं दी है। इसके लिए पंचायत जिला पुलिस कप्तान तक शराबबंदी को लेकर फाइल लगा चुके हैं। वही गांव में आपको किसी चौपाल में लोग ताश खेलते नहीं मिलेंगे इसके लिए पंचायत द्वारा पूर्ण पाबंदी है। और 1100 ₹ जुर्माने का भी प्रावधान पंचायत द्वारा रखा गया हुआ है।
मुख्य मांग
गांव के युवा सरपंच मुकेश गोयल ने सच कहूं से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि मैं आठवीं तक की शिक्षा अपने गांव के मिडिल स्कूल में ही ग्रहण की है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लड़के तो दूरदराज के स्कूलों में चले जाते हैं परंतु गांव मूसा खेड़ा व आस-पास के गांव की हजारों लड़कियां उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। जिससे सरकार की बेटी पढ़ाओ मुहिम यहां पर विफल होती नजर आ रही है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मेरे आदर्श गांव मूसा खेड़ा में लड़कियों के लिए बारहवीं कक्षा का स्कूल स्थापित हो जिसमें आसपास के आधा दर्जन गांवों से लगभग हजारों लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर अपने माता-पिता का नाम रोशन करें।
उन्होंने बताया की टोहाना व रतिया के लिए यहां से बस सुविधा है परंतु जाखल के लिए कोई भी सीधी बस सेवा नहीं है।